(Harivansh Rai Bachchan Biography in Hindi, Age, wiki, Wife, Family, Children, Name, Date of Birth, Sister, Family, Height, Career, Nick Name, Net Worth)
Quick Facts about Harivansh Rai Bachchan Biography in Hindi
- Height: 5’8” (173 cm)
- Hobbies: Writing poetry, reading
- Favorite Book: Srimad Bhagavad Gita
- Favorite Poets: William Shakespeare, W.B. Yeats
- Born On: November 27, 1907
- Birthplace: Pratapgarh, Uttar Pradesh, India
- Died On: January 18, 2003
- Profession: Poet
- Nationality: Indian
“मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षण भर जीवन – मेरा परिचय।”
यह पंक्तियाँ हिंदी साहित्य के महान कवि हरिवंश राय बच्चन ने अपने बारे में कही थीं। उनकी कविताओं में जीवन और मस्ती की झलक मिलती है, जो उनके लेखन की पहचान बन गई। लगभग 60 वर्षों के अपने साहित्यिक करियर में, उन्होंने छायावाद युग में अपनी अनोखी शैली से योगदान दिया। हालांकि, बाद के वर्षों में उन्हें उनके सुप्रसिद्ध पुत्र अमिताभ बच्चन के कारण भी जाना गया, लेकिन उनके साहित्यिक योगदान को कभी कम करके नहीं आँका गया। उनकी कविता ‘मधुशाला’ ने उन्हें साहित्य प्रेमियों के बीच अमर बना दिया।
Contents
बचपन और प्रारंभिक जीवन
हरिवंश राय बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी गाँव में एक कायस्थ परिवार में हुआ। उनके माता-पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और सरस्वती देवी था। उन्हें बचपन में उनके परिवार के लोग प्यार से ‘बच्चन’ कहते थे, जो बाद में उनका उपनाम बन गया।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक नगरपालिका स्कूल से पूरी की और साथ ही कायस्थ पाठशालाओं में उर्दू का अध्ययन किया। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में पढ़ाई की।
शिक्षा और करियर
1941 में, हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में शिक्षक बने और 1952 तक यहाँ पढ़ाया। इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से डब्ल्यू.बी. यीट्स और तांत्रिकवाद पर अपना पीएच.डी. पूरा किया। वह कैम्ब्रिज से पीएच.डी. करने वाले दूसरे भारतीय थे।
भारत लौटने के बाद उन्होंने कुछ समय तक इलाहाबाद में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में भी काम किया। 1955 में, वे दिल्ली में विदेश मंत्रालय के हिंदी विभाग में विशेष अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए। यहाँ उन्होंने 10 वर्षों तक सेवा की और हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में बढ़ावा दिया।
प्रमुख कृतियाँ
हरिवंश राय बच्चन को उनकी काव्य कृति ‘मधुशाला’ के लिए सबसे अधिक याद किया जाता है। 1935 में प्रकाशित इस रचना ने उन्हें हिंदी साहित्य में शीर्ष स्थान पर पहुँचा दिया। यह कविता उनकी ‘मधु’ त्रयी का हिस्सा थी, जिसमें ‘मधुबाला’ और ‘मधुकलश’ भी शामिल थीं।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने चार भागों में अपनी आत्मकथा लिखी:
- क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969)
- नीड़ का निर्माण फिर (1970)
- बसेरे से दूर (1977)
- दशद्वार से सोपान तक (1985)
उनकी अन्य महत्वपूर्ण कृतियों में शेक्सपियर की ‘मैकबेथ’ और ‘ओथेलो’ के हिंदी अनुवाद और भगवद गीता तथा उमर खैयाम की ‘रूबाइयत’ का हिंदी में अनुवाद शामिल हैं
सम्मान और पुरस्कार
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1969)
- पद्म भूषण (1976)
- सरस्वती सम्मान (1991)
- सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार
- यश भारती सम्मान (1994, उत्तर प्रदेश सरकार)
उनकी स्मृति में 2003 में एक डाक टिकट भी जारी किया गया।
व्यक्तिगत जीवन
हरिवंश राय बच्चन की पहली शादी 1926 में श्यामा से हुई, जब वे मात्र 19 वर्ष के थे। लेकिन 1936 में श्यामा का तपेदिक (टीबी) के कारण निधन हो गया। 1941 में, उन्होंने तेजी बच्चन से विवाह किया, जिनसे उनके दो पुत्र हुए: अमिताभ और अजिताभ।
मृत्यु
18 जनवरी 2003 को हरिवंश राय बच्चन का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। चार वर्षों बाद, उनकी पत्नी तेजी बच्चन का भी 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ (टाइमलाइन)
- 1907: जन्म, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश।
- 1926: पहली शादी।
- 1935: मधुशाला का प्रकाशन।
- 1941: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन और दूसरी शादी।
- 1953: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएच.डी.।
- 1955: विदेश मंत्रालय में हिंदी अधिकारी नियुक्त।
- 1969: साहित्य अकादमी पुरस्कार।
- 1976: पद्म भूषण से सम्मानित।
- 2003: निधन।
कुछ रोचक तथ्य
- उनका वास्तविक नाम हरिवंश राय श्रीवास्तव था।
- वे महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन से प्रेरित होकर इसमें शामिल हुए थे।
- उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए अनेक साहित्यिक कार्य किए।
- वे मशहूर कवि सुमित्रानंदन पंत और रामधारी सिंह दिनकर के घनिष्ठ मित्र थे।
- उनके पोते अभिषेक बच्चन और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध कलाकार हैं।
हरिवंश राय बच्चन हिंदी साहित्य के आकाश में एक ऐसा सितारा हैं, जिनकी रचनाएँ सदियों तक प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।