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Shayari चुंबक की तरह हैं अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह कई उपयोगकर्ताओं को आपकी पोस्ट की ओर आकर्षित कर सकता है। इसलिए आपकी पोस्ट की पहुंच को अधिकतम करने में आपकी मदद करने के लिए हमने Makar Sankranti Sad Shayari का एक संग्रह तैयार किया है।
Makar Sankranti Sad Shayari

मकर संक्रांति आई, फिर भी तेरी यादें दिल में समाई,
आसमान में पतंगें उड़ी, लेकिन मेरी खुशियाँ रुक गई।
सूरज की किरणों से उम्मीदें लगी थीं,
लेकिन इस संक्रांति में दिल की तन्हाई बढ़ गई।
पतंगें उड़ रही हैं आसमान में,
लेकिन दिल के आकाश में उदासी छाई है।
खुशियाँ फैल रही हैं हर तरफ,
लेकिन मेरी जिंदगी में अंधेरे हैं, मकर संक्रांति का क्या फायदा।
मकर संक्रांति का दिन भी अब खाली सा लगता है,
तेरी यादों के बिना सब कुछ फीका सा लगता है।
पतंगों का खेल अब बेमज़ा सा लगता है,
तेरे बिना ये त्योहार अब सज़ा सा लगता है।
सूरज की रोशनी भी फीकी लगती है,
जब तू साथ नहीं होता, ये मकर संक्रांति चुपचाप गुजरती है।
मकर संक्रांति पर हर ओर खुशियाँ हैं,
लेकिन मेरे दिल में दर्द की गूँज सुनाई देती है।
पतंगें उड़ाने का मन करता था,
लेकिन अब तेरी यादों में खो जाने का मन करता है।
सूरज की किरणों में तुझे तलाश किया,
लेकिन तेरे बिना हर चीज़ अधूरी सी लगी।
मकर संक्रांति का सूरज चमके न सही,
मेरे दिल की उदासी कभी कम हो न पाई।
तेरी यादों में रंगों की कमी नहीं,
लेकिन इस संक्रांति पर दिल की तन्हाई भारी है।
पतंगें उड़ी, आकाश में रंग फैलाए,
लेकिन मेरे दिल का दर्द किसी से ना कह पाया।
मकर संक्रांति का दिन आया है,
लेकिन तेरे बिना ये दिन खाली सा लगता है।
उड़ते हुए पतंगों से मेरा दिल जुड़ा था,
लेकिन अब उनके साथ मेरी खुशियाँ भी टूटी हैं।
सूरज की गर्मी ने दिल को चुभा लिया,
मकर संक्रांति की मस्ती से दिल का ग़म छुपा लिया।
मकर संक्रांति आई, खुशियाँ लेकर आई,
लेकिन तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगाई।
पतंगों की उँचाई की तरह दिल की चोटें बढ़ी,
मकर संक्रांति में भी तुझसे मिलन की उम्मीद अब फीकी पड़ी।
मकर संक्रांति का ये दिन भी उदास है,
तेरे बिना हर खुशी अब लाजवाब है।
तेरे बिना इस मकर संक्रांति का क्या फायदा,
सब कुछ अधूरा और खोखला सा लगता है।
ये कैप्शन अद्वितीय, आकर्षक हैं और आपके फ़ॉलोअर्स को आपकी अकेलेपन की भावना वाले इंस्टाग्राम पोस्ट से जोड़े रखेंगे।
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