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78th Independence day 2024 Shayari

हर गली में है आज़ादी की गूंज,
सुन ले ऐ मेरे वतन, तेरी सरहद पर है खुशनुमा सवेरा,
78वीं बार मनाएंगे हम जश्न-ए-आज़ादी,
तू ही है हमारा इश्क, तू ही है हमारा ख्वाब।

वतन के प्यार में बहा दिए खून के हर कतरे को,
फिर भी आज़ादी की कीमत को समझे बगैर ज़िन्दा हैं हम।
78वीं आज़ादी की सालगिरह पर,
हम वादा करते हैं तुझे ना छोड़ेंगे कभी अकेला।

हर रंग है तेरा, हर खुशबू है तेरो,
हमारी आज़ादी की खुशबू से महकता हर चौराहा,
78वां साल, हमारी आज़ादी का त्यौहार,
तेरे इस प्यारे वतन पर है बेमिसाल नाज़।

गुलामी के जंजीरों से आज़ादी की ओर बढ़े कदम,
78वीं आज़ादी की सालगिरह पर गूंजे यही हर दिल का सपना।
हर सांस में बसी है तुझे, हर दिल में है तेरा प्यार,
हमेशा बसी रहे खुशियाँ तेरे हर एक हिस्से में यार।

फूलों की तरह महकती आज़ादी की खुशबू,
78 साल से हर दिल में बसाई है तू।
तेरे रंगीले झंडे की छांव में,
सदा प्यार की चादर बिछाते रहेंगे हम।

आज़ादी का ये पर्व लाया सुकून का अहसास,
78वीं बार मनाएं खुशियाँ, कर दें बेमिसाल।
संग्राम की उस दास्तान को याद कर,
नमन करते हैं शहीदों को, और गाते हैं आज़ादी का गान।

हर दिल में बसी है तेरी यादें,
78वीं आज़ादी की सालगिरह पर, तेरे नाम की शान बढ़ाएंगे।
वतन की राह पर चढ़े थे जो हज़ारों लाशें,
उनके बलिदान को अमर बनाएंगे, सच्चे प्यार से।

रंग-बिरंगे चिरागों की तरह जगमगाई आज़ादी की रात,
78वीं बार मनाएंगे खुशी से वतन की बात।
मिलकर मनाएं हम ये आज़ादी का पर्व,
तेरे प्यारे वतन की खातिर, हम सब हैं एक।

तेरे प्यारे देश को सलाम करते हैं,
78वीं आज़ादी की सालगिरह पर हर दिल से प्यार जताते हैं।
शहीदों के बलिदान को न भूलेंगे कभी,
तेरे आंचल की छांव में, जीवन को हर दिन सजाएंगे।

आज़ादी का परचम लहराया है,
78वीं बार खुशी से मनाया है।
तेरे हर कोने को चूमेंगे हम,
तेरे प्यारे वतन की हर याद को संजोएंगे हम।

वतन की मिट्टी में बसा है प्यार का रंग,
78वीं आज़ादी की खुशी को छेड़े हर दिल का संग।
सपनों की आज़ादी का रास रंगीन है,
तेरे इस प्यारे देश में हर दिल का संगीन है।

फूलों की तरह महक उठी है आज़ादी की सुबह,
78वीं सालगिरह पर गूंजे तेरी हसीं सदा।
तेरे प्यार में हर दिल खोया है,
तेरे झंडे की छांव में जीने की हर खुशी पाई है।

78वीं आज़ादी का त्यौहार आया है,
वतन की खुशियों का पैगाम लाया है।
तेरे इस प्यारे वतन को दिल से सलाम,
हमेशा अमन की राह पर चलेगा ये हर शाम।

हर धड़कन में बसी है तेरी आज़ादी की बात,
78वीं सालगिरह पर, खुशी से भर जाएगी हर एक रात।
तेरे प्यारे देश की शान बढ़ाते रहेंगे,
हर दिल में तेरे प्यार को सजाते रहेंगे।

आज़ादी की ये बेला लायी है खुशियाँ अनगिनत,
78वीं बार, मनाएंगे जश्न हर दिल से जोश के साथ।
तेरे प्यारे देश को दिल से सलाम,
सपनों की आज़ादी को सजाएंगे हर एक शाम।

आज़ादी की बहार आई है, रंगों से सजी है शाम,
78वीं आज़ादी की सालगिरह पर, गूंजे दिल से नाम।
हर खुशबू में बसी है तेरा प्यार,
तेरे इस प्यारे देश को मिल जाए सुकून का अहसास बार-बार।

गुलामी की चादर को हटाकर आए आज़ादी का दिन,
78वीं बार मनाएंगे इसे, हर दिल में होगी खुशी की बिन।
तेरे प्यारे देश की खुशियाँ लहराएंगी,
हर दिल में बसी तेरी यादें संजोएंगी।

आज़ादी की इस खुशबू को सांसों में समेटे,
78वीं बार मनाएँगे इसे, हर दिल से एक ही वादा करें।
तेरे प्यारे देश की राह पर चले,
हर खुशी को तेरे साथ मनाएंगे हम।

78वीं आज़ादी की सालगिरह पर,
हर दिल में बसी है तेरी एक अमिट चाह।
तेरे प्यारे वतन को सलाम,
हर गली में बिखराई हैं आज़ादी की खुशियाँ संग।

तू है आज़ादी की तस्वीर, तेरी खुशबू हर सवेरा,
78वीं बार मनाएंगे हम, तेरे इस प्यारे वतन की यारा।
तेरे इस प्यारे देश को सलाम,
हर दिल से गूंजे तेरा आज़ादी का नाम।

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Mohit is a skilled Content Writer with 3+ years of experience in media and digital platforms. After two years with Fast Khabar, he now writes for Hindijankaripur, focusing on education news.

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