Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। यह दिन खास है क्योंकि इस दिन सूर्य अपनी राशि बदलता है और मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे नए बदलाव और नए शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन के साथ ही सर्दियाँ कम होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं।

तो आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है और इसे कैसे मनाते हैं।

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है?

मकर संक्रांति का मुख्य उद्देश्य प्रकृति का धन्यवाद करना है। यह खास दिन है जब लोग अपने अच्छे फसल के लिए आभार व्यक्त करते हैं। यह त्योहार खुशियाँ, अच्छे विचार और नये आरंभ का प्रतीक होता है। इस दिन पुराने दुखों को छोड़कर हम नए रास्ते पर चलने का संकल्प करते हैं।

लोग मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं?

मकर संक्रांति के मौके पर लोग कई तरह से खुशियाँ मनाते हैं। इस दिन सबसे मजेदार चीज़ है रंग-बिरंगे पतंग उड़ाना। आकाश में उड़ी पतंगें बहुत सुंदर दिखती हैं और इस दौरान लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मस्ती करते हैं।

खाना भी इस दिन बहुत खास होता है। लोग तिल और गुड़ से बनी मिठाइयाँ जैसे तिल-गुड लड्डू बनाते हैं और उन्हें परिवार और दोस्तों के साथ बांटते हैं। यह मिठाइयाँ प्यार और खुशियों का प्रतीक होती हैं।

कुछ जगहों पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं, ताकि उनका मन शुद्ध हो और उन्हें शुभ फल मिले। इस दिन लकड़ियों की अलाव भी जलाए जाते हैं, और लोग पारंपरिक गानों और नृत्य में शामिल होते हैं।

मकर संक्रांति का खास अर्थ

मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए सबसे अच्छा होता है। लोग इस दिन को आत्मनिरीक्षण का समय मानते हैं, पुरानी गलतियों को माफ करते हैं और नई शुरुआत करते हैं।

कई लोग मानते हैं कि इस दिन दान करने से पुण्य मिलता है। चाहे वह कपड़े, खाना या सिर्फ मुस्कान ही क्यों न हो, दान का महत्व इस दिन बहुत बढ़ जाता है।

मकर संक्रांति के खास पकवान

इस दिन पर मकर संक्रांति के विशेष पकवान बनाए जाते हैं। सबसे लोकप्रिय व्यंजन है तिल-गुड लड्डू, जो तिल और गुड़ से बनते हैं। इसके अलावा, पुरण पोली भी एक खास व्यंजन है, जो मीठी भरावन के साथ पकाया जाता है। कुछ जगहों पर लोग खिचड़ी भी खाते हैं, जो चावल और दाल से बनी होती है।

भारत में मकर संक्रांति का तरीका

मकर संक्रांति भारत के अलग-अलग हिस्सों में थोड़े अलग तरीके से मनाई जाती है। पंजाब में लोग आग जलाकर पारंपरिक गाने गाते हैं और नृत्य करते हैं। तमिलनाडु में इसे पोंगल के रूप में मनाया जाता है, जिसमें नई फसल से विशेष पकवान बनाए जाते हैं। महाराष्ट्र में तिल-गुड लड्डू देने की परंपरा है, और लोग “तिल-गुड खा, मीठा-मीठा बोल” का संदेश देते हैं।

मकर संक्रांति के मजेदार तथ्य

  • गुजरात में मकर संक्रांति को “पतंग महोत्सव” कहा जाता है, जहां लोग घंटों तक पतंग उड़ाते हैं और यहां तक कि एक अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी आयोजित होता है।
  • इस दिन दान करने से भाग्य के दरवाजे खुलते हैं और नई ऊर्जा का संचार होता है।
  • तिल और गुड़, जो मकर संक्रांति की मिठाइयों में होते हैं, सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं।

Makar Sankranti 2025

मकर संक्रांति 2025 में 14 जनवरी को पड़ेगी। यह दिन पूजा, धार्मिक कार्यों और दान के लिए खास होगा। लोग पवित्र नदियों में स्नान करेंगे और सूर्य की पूजा करेंगे। यह दिन न केवल खुशी मनाने का होता है, बल्कि लोगों के दिलों में दयालुता और अच्छे विचारों का प्रसार भी होता है।

निष्कर्ष

मकर संक्रांति एक खुशी और नए आरंभ का त्योहार है। यह दिन प्रकृति का धन्यवाद करने, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने और नई आशाओं के साथ जीवन में बदलाव लाने का होता है।

चाहे आप पतंग उड़ाते हों, मिठाइयाँ खाते हों या बस धूप में बैठकर मौसम का आनंद लेते हों, मकर संक्रांति हर किसी के लिए खास होती है। तो इस साल, आओ हम सब इस खुशियों भरे त्योहार को गले लगाएं और एक दूसरे को मकर संक्रांति की ढेर सारी शुभकामनाएँ दें!

Share.

Mohit is a skilled Content Writer with 3+ years of experience in media and digital platforms. After two years with Fast Khabar, he now writes for Hindijankaripur, focusing on education news.

Leave A Reply

Exit mobile version